क्या परिवारों को यात्रा पर जाना चाहिए? पुजारा ने उठाए सवाल!

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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा टीम होटल में परिवार के सदस्यों की सीमित पहुंच के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों की व्यापक रूप से आलोचना की गई है। ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद, जहां भारत ने 1-3 से हार का सामना किया, BCCI ने एक 10-बिंदु गाइडलाइन जारी की, जिसमें खिलाड़ियों के साथ परिवारों के रहने के समय को प्रतिबंधित किया गया है। हाल ही में, विराट कोहली ने अपनी निराशा व्यक्त की और बताया कि उच्च दबाव की स्थितियों के दौरान खिलाड़ियों के लिए अपने प्रियजनों के करीब रहना कितना महत्वपूर्ण है।

चेतेश्वर पुजारा भी इस मामले में कोहली का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि परिवारों को खिलाड़ियों के साथ यात्रा करनी चाहिए। पुजारा के अनुसार, ऐसे समय होते हैं जब परिवार पूरे सीरीज के दौरान खिलाड़ियों के साथ होते हैं, और यह संतुलन बनाना आवश्यक है। खिलाड़ियों को अपनी प्रैक्टिस सत्रों में शामिल होने का समय मिलना चाहिए।

पुजारा ने कहा कि सामान्यत: अधिकांश टीमें लंबे दौरे के दौरान दो या तीन हफ्तों की एक विंडो रखती हैं। यदि कोई खिलाड़ी 40 दिनों के लिए घर से दूर है, तो तीन हफ्तों में परिवार यात्रा कर सकते हैं। यह सबसे अच्छा तरीका है संतुलन बनाने का, क्योंकि कई बार कोचिंग स्टाफ या प्रबंधन को लगता है कि परिवारों के यात्रा करने से खिलाड़ी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर परिवारों के यात्रा करने के लिए एक उचित विंडो हो, तो खिलाड़ी तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। जब दौरा शुरू होता है, तो तीन हफ्तों की विंडो होनी चाहिए जिसमें परिवार यात्रा कर सकें, जिससे दोनों पक्षों की जरूरतों का ध्यान रखा जा सके।

हाल ही में समाप्त हुए चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान, विराट कोहली, रवींद्र जडेजा और मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ियों ने दुबई में अपने परिवारों को अपने साथ रखा, लेकिन वे टीम होटल में नहीं रहे। उनके ठहरने के खर्च खिलाड़ियों ने उठाए, न कि BCCI ने।

यह स्थिति खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य और प्रदर्शन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। जब खिलाड़ी अपने परिवार के साथ होते हैं, तो वे अधिक सहज और तनावमुक्त महसूस करते हैं। ऐसे में, BCCI को इस दिशा में विचार करना चाहिए कि कैसे खिलाड़ियों और उनके परिवारों के बीच एक संतुलन बनाया जा सकता है।

खिलाड़ियों के लिए एक स्वस्थ मानसिकता बनाए रखना जरूरी है, खासकर जब वे विदेशी दौरों पर होते हैं। परिवार का समर्थन और उनकी उपस्थिति खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत बनाती है। यह न केवल उनके खेल पर, बल्कि उनके समग्र जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।

BCCI को चाहिए कि वह खिलाड़ियों की भावनाओं को समझे और उनके लिए एक ऐसा माहौल बनाएं जिसमें वे अपने प्रियजनों के साथ समय बिता सकें। ऐसे दिशा-निर्देशों का पुनर्विचार करना आवश्यक है ताकि खिलाड़ियों को खेल के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिल सके।

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