चेनई सुपर किंग्स के एक फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज, डेवाल्ड ब्रेविस, आईपीएल 2025 के मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ एक बड़ा DRS विवाद का केंद्र बन गए। यह मैच एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला गया। ब्रेविस ने जब अपनी पहली गेंद का सामना किया, तो उन्हें ऑन-फील्ड अंपायर द्वारा LBW करार दिया गया, जिससे वे गोल्डन डक पर आउट हो गए। यह निर्णय विवादास्पद था, जिसके बाद ब्रेविस ने DRS का संकेत दिया, लेकिन उन्हें बताया गया कि समीक्षा का समय खत्म हो चुका है।
ब्रेविस की पैड पर गेंद लगने के बाद ऐसा लग रहा था कि गेंद लेग साइड पर जा रही है। हालांकि, उन्होंने नॉन-स्ट्राइकर जडेजा के साथ चर्चा करने के बाद DRS का संकेत दिया। लेकिन यह समीक्षा नहीं हो सकी। उन्होंने और जडेजा ने अंपायर के साथ इस विषय पर थोड़ी बहस भी की, जब उन्हें बताया गया कि समय खत्म हो चुका है।
हालांकि, रीप्ले ने दिखाया कि गेंद लेग साइड पर जा रही थी और स्टंप्स को काफी दूर से मिस कर रही थी। यह घटना न केवल DRS टाइमर पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि ऑन-फील्ड अंपायर के निर्णय को भी चुनौती देती है। इस विवाद ने दर्शकों और क्रिकेट प्रेमियों के बीच गहरी चर्चा को जन्म दिया।
ब्रेविस को DRS टाइमर स्क्रीन पर नहीं दिखाई दे रहा था, जिससे उन्हें लगा कि उनके पास अंपायर के निर्णय पर चर्चा करने का समय है। लेकिन जैसा कि पता चला, उनके पास समय खत्म हो चुका था। इस DRS विवाद ने CSK के लिए गंभीर परिणाम दिए, क्योंकि टीम को RCB के खिलाफ 2 रन से हार का सामना करना पड़ा और आईपीएल 2025 के पॉइंट्स टेबल में वे सबसे नीचे बने रहे।
CSK की हार के बावजूद, आयुष महात्रे और रविंद्र जडेजा ने शानदार प्रदर्शन किया, जिन्होंने क्रमशः 94 और 77 नॉट आउट रन बनाए। इस मैच में RCB ने घर में CSK पर पहली बार डबल जीत का अनुभव किया, पहले भी उन्होंने चेपॉक में लौटने वाले मैच में जीत हासिल की थी।
इस प्रकार, DRS विवाद ने न केवल मैच के परिणाम को प्रभावित किया, बल्कि इसने क्रिकेट की नियमों और तकनीकी प्रक्रियाओं पर भी सवाल उठाए। दर्शकों ने इस घटना को लेकर अलग-अलग राय रखी हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि क्रिकेट में तकनीक का उपयोग हमेशा सही नहीं होता।
इस मैच ने क्रिकेट प्रेमियों के बीच एक नई चर्चा को जन्म दिया है कि DRS प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। क्या यह समय सीमा को स्पष्ट करने का समय है? या फिर अंपायरों को निर्णय लेने में अधिक स्पष्टता प्रदान करने की आवश्यकता है? यह सब चर्चा का विषय है।
आखिरकार, यह मैच केवल एक खेल नहीं था, बल्कि एक ऐसा क्षण था जिसने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्रिकेट में तकनीक का स्थान क्या है और यह खेल को कैसे प्रभावित कर सकती है।