गुजरात टाइटन्स (GT) के कप्तान शुभमन गिल ने शुक्रवार को सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के खिलाफ आईपीएल 2025 मैच के दौरान एक LBW अपील पर ऑन-फील्ड अंपायरों से सामना किया। SRH की पारी के 14वें ओवर में, अभिषेक शर्मा को प्रसिध्द कृष्णा की एक गेंद ने उनके जूते पर लगाई। गिल और उनके साथियों ने LBW के लिए अपील की, लेकिन अंपायर ने इसे नकार दिया। इसके बाद, गिल ने DRS समीक्षा का उपयोग करके अंपायर के निर्णय को चुनौती दी, जिससे पूरी स्थिति में हलचल मच गई।
टीवी रिप्ले में यह स्पष्ट नहीं हुआ कि गेंद कहाँ गिरी थी; बस प्रभाव और विकेट दिखाए गए। इस निर्णय से गिल असंतुष्ट थे और उन्होंने अंपायरों के साथ अपनी निराशा व्यक्त की। अभिषेक ने गिल को शांत करने के लिए बीच में आकर उन्हें समझाने की कोशिश की, क्योंकि दोनों अच्छे दोस्त हैं।
क्या शुभमन गिल को अंपायरों से बहस करने का अधिकार था? नियमों के अनुसार, LBW निर्णय के लिए तीन प्रमुख शर्तें पूरी होनी चाहिए। गेंद को या तो स्टंप्स के साथ लाइन में पिच करना चाहिए, ऑफ के बाहर होना चाहिए, या फुल टॉस होना चाहिए। यदि अभिषेक ने शॉट नहीं खेला होता, तो उन्हें आउट करार दिया जाता।
गिल द्वारा अंपायरों से बहस करना सही नहीं था। पहले शर्त के अनुसार, यदि गेंद ऑफ स्टंप के बाहर प्रभाव डालती है और बल्लेबाज शॉट खेल रहा है, तो वह LBW नहीं हो सकता। MCC क्रिकेट के कानून (कानून 36) के अनुसार, बल्लेबाज को LBW के लिए आउट नहीं किया जा सकता यदि प्रभाव ऑफ के बाहर है, जबकि वह शॉट खेल रहा हो।
इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, यह स्पष्ट है कि गिल का अंपायरों से बहस करना गलत था। यह पहली बार नहीं था जब गिल मैच के दौरान उत्तेजित हुए। पहले पारियों में, उन्होंने रन आउट होने के बाद चौथे अंपायर की ओर बढ़ने की कोशिश की।
गिल की यह हरकत उनके नेतृत्व कौशल पर सवाल उठाती है। एक कप्तान के रूप में, उन्हें अपने खिलाड़ियों को संयमित रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए। जब आप एक टीम के नेता होते हैं, तो आपकी जिम्मेदारी होती है कि आप सकारात्मकता का संचार करें और खिलाड़ियों को प्रेरित करें।
आईपीएल में ऐसे क्षण होते हैं जो खिलाड़ियों के रवैये को दर्शाते हैं। शुभमन गिल का यह व्यवहार दर्शाता है कि कभी-कभी खिलाड़ी अपनी भावनाओं पर काबू नहीं पा पाते हैं। इससे न केवल उनका व्यक्तिगत प्रदर्शन प्रभावित होता है, बल्कि टीम की एकता पर भी असर पड़ सकता है।
इस घटना से सीखने का एक अवसर है कि किस प्रकार से अनुशासन और संयम बनाए रखना चाहिए। गिल को यह समझना होगा कि उनकी हरकतें टीम के लिए मिसाल बनती हैं। यदि वे खुद अनुशासित नहीं रहेंगे, तो अन्य खिलाड़ियों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।