पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर और अनुभवी कोच टॉम मूडी का मानना है कि गुजरात टाइटन्स के ओपनिंग जोड़ी साई सुदर्शन और कप्तान शुभमन गिल ने अपनी बैटिंग तकनीक में गियर बदलने की कला सीख ली है। जब दिल्ली की तेज धूप में रविवार को 18वें इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के एक्शन से भरे दिन शुभमन (93) और सुदर्शन (108) ने शानदार प्रदर्शन किया, तब उन्होंने यह साबित कर दिया। दिल्ली ने गुजरात के लिए 200 रन का लक्ष्य रखा, लेकिन युवा टाइटन्स की जोड़ी ने अपनी शानदार बैटिंग से इस लक्ष्य को चकनाचूर कर दिया।
इन युवा खिलाड़ियों ने इस सीजन में सभी दस फ्रैंचाइज़ी में 600 से अधिक रन बनाए हैं। उन्होंने जीत का एक बुनियादी ढांचा तैयार किया और इसे बखूबी लागू करते हुए टाइटन्स को टेबल के शीर्ष पर पहुंचाया और प्लेऑफ का स्थान सुरक्षित किया, जिसमें उन्होंने 10 विकेट से जीत हासिल की। उनकी इस सफलता ने न केवल उन्हें बल्कि पूरी टीम को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
टॉम मूडी ने ESPNcricinfo टाइम आउट पर कहा कि वे एक ओपनिंग जोड़ी के रूप में एक-दूसरे के खेल को अच्छी तरह से समझते हैं। यदि एक बल्लेबाज तेज शुरूआत करता है, तो दूसरा उसके पीछे होता है। इस प्रकार वे एक-दूसरे को कवर करते हैं और पूरे सीजन में इस पैटर्न का पालन करते हैं। उनकी पारंपरिक स्ट्रोक प्ले भी शानदार है।
शुभमन और सुदर्शन की ओपनिंग जोड़ी देखने में आसान लगती है, लेकिन उनके शानदार प्रदर्शन में शक्ति-हिटिंग का भी योगदान है। इस सीजन में GT कप्तान ने 54 चौके और 23 छक्के लगाए हैं, जबकि सुदर्शन ने 68 चौके और 20 अधिकतम बनाए हैं। यह उनकी बैटिंग की क्लास को दर्शाता है, जो किसी भी तूफान का सामना कर सकती है।
सुदर्शन इस सीजन में सबसे अधिक चौके लगाने वाले खिलाड़ी हैं, जबकि राजस्थान रॉयल्स के यशस्वी जायसवाल एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्होंने GT कप्तान से अधिक चौके लगाए हैं। मूडी ने कहा कि ये दोनों बल्लेबाज अपनी तकनीक में निपुण हैं और समय के साथ उन्होंने अपने खेल में गियर बदलने की कला सीखी है। वे पहले केवल तीन गियर में खेलते थे, लेकिन अब उनके पास पांच गियर हैं।
दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 205 रन की साझेदारी इस सीजन में उनकी सबसे बेहतरीन थी। उनके सामूहिक रूप से 839 रन बनाने की सफलता भी उनकी जोड़ी के सामर्थ्य को दर्शाती है, जिसमें उनका औसत 76.27 है। यह आंकड़ा यह साबित करता है कि वे अनुकूल परिस्थितियों में भी शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं।
पूर्व भारतीय स्पिनर पीयूष चावला ने कहा कि गेंदबाजी में दबाव बनाने के लिए डॉट बॉल फेंकना महत्वपूर्ण है। ये दोनों खिलाड़ी केवल इस मैच में ही नहीं, बल्कि अन्य मैचों में भी विकेटों के बीच दौड़ने में बहुत अच्छे हैं, जिससे उनका खेल और भी आसान हो जाता है।
चावला ने कहा कि जब गेंदबाज अच्छी गेंद डालते हैं, तो वे डॉट बॉल या विकेट की तलाश करते हैं, लेकिन ये दोनों उस गेंद को एक रन में बदल देते हैं। जब बाउंडरी मारने का मौका आता है, तो वे उन मौकों को भी नहीं छोड़ते। इस प्रकार, उनकी बल्लेबाजी की कुशलता ने टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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