भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है, जिससे हजारों प्रशंसकों का दिल टूट गया है। इंस्टाग्राम पर इस बात की जानकारी देते हुए, उन्होंने अपने करियर का समापन किया, जिसमें उन्होंने 67 टेस्ट खेले और 4301 रन बनाए। रोहित का टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट न केवल एक युग का अंत है, बल्कि यह भारत के नए कप्तान की चर्चा को भी जन्म देता है। रोहित के साथ-साथ स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने भी इंग्लैंड के खिलाफ आगामी पांच मैचों की श्रृंखला से पहले अपने टेस्ट करियर को समाप्त कर दिया है।
रोहित की ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। हालाँकि, भारतीय टेस्ट टीम में एक ओपनर के रूप में उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता, क्योंकि वर्षों में उन्होंने कई मैच जीतने वाली पारियां खेलीं। उनके अनुभव और कौशल ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया है।
हाल ही में, पूर्व इंग्लिश ऑलराउंडर मोइन अली ने रोहित की सराहना की और उन्हें “प्राकृतिक खिलाड़ी” कहा। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि 38 वर्षीय स्टार को विराट की तरह अपनी फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए था। मोइन का यह बयान रोहित के खेल के प्रति उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो फैंस के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
मोइन ने कहा कि रोहित एक अद्भुत खिलाड़ी हैं, जिन्हें देखना बेहद आसान होता है। उनकी प्राकृतिक प्रतिभा ने उन्हें एक शीर्ष खिलाड़ी बना दिया है। ऐसा लगता है कि उन्होंने अपनी फिटनेस पर काम नहीं किया, लेकिन फिर भी उनकी प्रतिभा और प्रभावशीलता अद्वितीय है।
रोहित ने अपने टेस्ट करियर का अंत 67 मैचों के बाद किया है, जिसमें उन्होंने 4,301 रन बनाए हैं, जिनमें 12 शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। उनका यह सफर भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय बन चुका है, और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
इससे पहले, पूर्व भारतीय मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भी उस समय के बारे में बताया जब उन्होंने रोहित को ओपनर के रूप में खेलने के लिए प्रेरित किया था, जो बाद में एक ऐतिहासिक निर्णय साबित हुआ। शास्त्री ने रोहित की क्षमताओं को पहचानते हुए उन्हें शुरुआती बल्लेबाजी के लिए प्रोत्साहित किया और यह निर्णय भारतीय क्रिकेट के लिए फायदेमंद साबित हुआ।
शास्त्री ने कहा कि रोहित को नंबर चार और पांच पर बल्लेबाजी करने में बोरियत महसूस होती थी। उन्होंने यह महसूस किया कि रोहित एकदिवसीय क्रिकेट में सफल हैं क्योंकि उन्हें जल्दी बल्लेबाजी करने का मौका पसंद है। उनका यह दृष्टिकोण टेस्ट क्रिकेट में भी उन्हें सफल बना सकता था, यदि वह इसे अपनाते।
रोहित शर्मा की रिटायरमेंट ने भारतीय क्रिकेट में एक नया मोड़ लाया है। उनके खेल की शैली और योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। अब यह देखना होगा कि भारतीय टीम इस बदलाव को कैसे संभालती है और भविष्य में कौन सा खिलाड़ी रोहित की जगह लेता है।