पहला पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… लखनऊ सुपर जायंट्स के तेज गेंदबाज मयंक यादव को आईपीएल 2025 से बाहर कर दिया गया है। मयंक, जिसने आईपीएल 2024 में 156.7 किमी प्रति घंटे की रिकॉर्ड तोड़ गेंद फेंकी थी, ने इस नए सत्र के पहले आधे हिस्से में चोट के कारण खेल नहीं खेला। उन्होंने अपनी वापसी के बाद लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए 2 मैच खेले, लेकिन फिर से उन्हें बाहर कर दिया गया। एक अधिकारी के अनुसार, लखनऊ सुपर जायंट्स ने उनकी ‘पीठ में सूजन’ की अनदेखी की और उन्हें शुरुआती चोट के बाद जल्दी वापस लाने की कोशिश की।
दूसरा पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… अधिकारी ने आगे कहा कि उत्कृष्टता केंद्र (CoE) और फ्रेंचाइजी ने तेज गेंदबाज की चोट को संभालने में उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया और केवल उनके मामले में ‘बॉक्स टिक कर’ दिए। मयंक के लिए खेल से इतनी लंबी अनुपस्थिति के बाद, यह आश्चर्यजनक था कि CoE ने उन्हें हरी झंडी देने के लिए केवल 10-12 सत्रों का समय लिया। इनमें से एक तिहाई सत्रों में तीव्रता कम थी और उन्होंने मार्च के अंत में केवल 80-85% की तीव्रता पर गेंदबाजी शुरू की।
तीसरा पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… अधिकारी ने कहा कि जब आप पूरी ताकत से खेलते हैं, तभी आपको सही तस्वीर मिलती है और फिर आपको यह आकलन करने के लिए पर्याप्त समय लेना चाहिए कि शरीर बढ़े हुए काम के बोझ के प्रति कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है। वह बोझ धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है ताकि यह देखा जा सके कि शरीर विभिन्न स्तरों की तीव्रता के प्रति कैसे प्रतिक्रिया करता है। मयंक के मामले में, ऐसा प्रतीत होता है कि केवल बॉक्स टिक किए गए थे।
चौथा पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… मयंक ने LSG के लिए दो मैच खेले, जिसमें उन्होंने 2/40 और 0/60 के आंकड़े दर्ज किए। हालांकि, वह खेल जारी नहीं रख सके क्योंकि LSG ने न्यूजीलैंड के विलियम ओ’रॉर्क को अस्थायी प्रतिस्थापन के रूप में साइन किया। मयंक के प्रदर्शन में गिरावट और नॉन-मैच डे गतिविधियों के बारे में LSG में चर्चा हुई।
पाँचवाँ पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… मयंक से उनकी गिरती गति और गैर-मैच दिनों की गतिविधियों के बारे में पूछा गया। उन्होंने बताया कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं लेकिन आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। गैर-मैच डे वर्कलोड के लिए, उन्होंने उन्हें अपनी दिनचर्या के बारे में बताया, जो CoE में पुनर्वास के दौरान चल रही थी। निर्णय का समय और उस बैठक के दौरान हुई चर्चाओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने उन पर भरोसा खो दिया है और संभवतः अगले संस्करण के लिए उन्हें बनाए रखने की संभावना नहीं है।
छठा पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… मयंक यादव की चोट ने क्रिकेट जगत में एक नई बहस को जन्म दिया है। क्या फ्रेंचाइजी और चिकित्सा प्रबंधन ने उन्हें समय पर सही तरीके से वापस लाने की कोशिश की? क्या खिलाड़ियों की फिटनेस को प्राथमिकता दी जानी चाहिए? यह सवाल अब हर क्रिकेट प्रशंसक के मन में उठ रहा है।
सातवाँ पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… मयंक के मामले में हुई गलतियाँ न केवल उनके लिए बल्कि अन्य खिलाड़ियों के लिए भी एक चेतावनी हैं। जब भी कोई खिलाड़ी चोटिल होता है, तो उसे ठीक होने के लिए पर्याप्त समय और ध्यान देने की आवश्यकता होती है। तेज गेंदबाजों के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनकी गति और ताकत उनके खेल का आधार होती है।
आठवाँ पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… इस स्थिति ने पूरे आईपीएल में खिलाड़ियों की चोटों को लेकर चिंता बढ़ा दी है। फ्रेंचाइजी और चिकित्सा टीमों को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि खिलाड़ियों की भलाई हमेशा पहले आती है। मयंक यादव की वापसी की प्रतीक्षा क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय बना रहेगा।