गौतम गम्भीर का राज़, शुभमन गिल की चुप्पी और बुमराह का मोड़!

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गौतम गंभीर, जो भारत के नए मुख्य कोच हैं, ने बीसीसीआई से टीम के दैनिक संचालन के लिए पूरी अधिकार की मांग की है। विराट कोहली और रोहित शर्मा की टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद, गंभीर ने अपने विचारों को स्पष्ट किया है कि वह टीम में सुपरस्टार संस्कृति को खत्म करना चाहते हैं। उनके इस कदम का उद्देश्य भविष्य के लिए एक मजबूत टीम बनाना है। गंभीर की यह मांग टीम की दिशा को पूरी तरह से बदल सकती है।

रोहित और कोहली के अचानक रिटायरमेंट की घोषणा इंग्लैंड में होने वाली टेस्ट श्रृंखला से पहले हुई है। इस घोषणा के बाद, टीम को एक नए कप्तान की आवश्यकता होगी। शुबमन गिल और जसप्रीत बुमराह इस रेस में सबसे आगे हैं। जब पहला टेस्ट 20 जून को लीड्स में शुरू होगा, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि टीम की कमान किसके हाथ में होगी।

एक रिपोर्ट के अनुसार, गंभीर अब टीम चयन, नीति-निर्माण और अन्य टीम संबंधित निर्णयों में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। यह भारतीय क्रिकेट के इतिहास में पहली बार होगा जब एक मुख्य कोच के पास कप्तान से ज्यादा अधिकार होंगे। यह परिवर्तन भारतीय क्रिकेट के लिए एक नया अध्याय शुरू कर सकता है।

गंभीर का कहना है कि न्यूजीलैंड के खिलाफ घर में हार और ऑस्ट्रेलिया में हुई विफलता को दोहराने से बचने के लिए उन्हें बीसीसीआई से पूरी स्वायत्तता की आवश्यकता है। यह स्वायत्तता उन्हें अपनी रणनीतियों को लागू करने और टीम की दिशा को सही तरीके से आगे बढ़ाने में मदद करेगी।

गंभीर चाहते हैं कि गिल कप्तान बने, क्योंकि वह युवा हैं और उनके साथ मिलकर काम कर सकते हैं। हालांकि, बुमराह भी कप्तानी के रेस में हैं और उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। बुमराह पहले से ही टेस्ट क्रिकेट में रोहित के डिप्टी रहे हैं, लेकिन उनकी चोटों का रिकॉर्ड गिल के लिए रास्ता खोल सकता है।

यदि गिल को कप्तान बनाया जाता है, तो यह वास्तव में गंभीर के युग की शुरुआत होगी। हालांकि, गंभीर की यह अधिकार केवल टेस्ट क्रिकेट तक सीमित होगी, क्योंकि रोहित और कोहली 2027 वनडे विश्व कप के लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं। यह स्थिति बता रही है कि भारतीय क्रिकेट में बदलाव आ रहा है।

गंभीर के इस कदम से टीम में एक नई ऊर्जा और दिशा आएगी। यह न केवल खिलाड़ियों के लिए, बल्कि फैंस के लिए भी एक नई उम्मीद की किरण है। भारतीय क्रिकेट को इस बदलाव की जरूरत थी और गंभीर का दृष्टिकोण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस प्रकार, भारतीय क्रिकेट में एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। गंभीर की यह मांग और उनकी रणनीतियाँ भारतीय क्रिकेट के भविष्य को प्रभावित करने का पोटेंशियल रखती हैं। अब देखना यह होगा कि यह नए बदलाव कैसे काम करते हैं और टीम कैसे आगे बढ़ती है।

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