विराट की रिटायरमेंट पर BCCI का दिलचस्प बयान!

NewZclub

पहला पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद, क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने इस स्टार बल्लेबाज की लंबे प्रारूप में योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि भले ही हमें उनके जाने का दुख है, लेकिन बोर्ड उनके व्यक्तिगत निर्णय का सम्मान करता है। इंग्लैंड के पांच मैचों की दौरे से पहले, कोहली ने 14 साल के शानदार करियर के बाद टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट की घोषणा की। शुक्ला ने ANI से कहा, “विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट और भारत के लिए योगदान बहुत बड़ा रहा है। उनकी सराहना करने के लिए शब्द कम पड़ते हैं।”

दूसरा पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… विराट ने जून 2011 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया। हालांकि उनका पहला टेस्ट दौरा बहुत निराशाजनक रहा, जिसमें उन्होंने सिर्फ 76 रन बनाए, लेकिन युवा विराट ने अपनी काउंटर-अटैकिंग बल्लेबाजी से जल्दी ही पहचान बनाई। उनके टेस्ट करियर की शुरुआत 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में पहले शतक के साथ हुई, जहां उन्होंने 213 गेंदों में 116 रन बनाए। इस दौरे के दौरान कोई और भारतीय बल्लेबाज 300 रन भी नहीं बना सका, लेकिन विराट ने चार टेस्ट में 300 रन बनाकर सबसे ज्यादा स्कोर किया।

तीसरा पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… 2016 से 2019 के बीच, विराट ने टेस्ट क्रिकेट में एक अद्वितीय बल्लेबाजी अवधि का अनुभव किया, जिसमें उन्होंने 43 टेस्ट में 4,208 रन बनाए, और उनका औसत 66.79 रहा। इस दौरान उन्होंने 16 शतक और 10 अर्द्धशतक बनाए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 254* रहा। यह भी उल्लेखनीय है कि उन्होंने कप्तान के रूप में टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा सात डबल सेंचुरी बनाई।

चौथा पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… हालांकि, 2020 का दशक विराट के लिए उतना शानदार नहीं रहा। उन्होंने 39 टेस्ट में केवल 2,028 रन बनाए और उनका औसत 30.72 रहा। इस अवधि में उनके पास केवल तीन शतक और नौ अर्द्धशतक थे। लेकिन 2023 में उन्होंने 671 रन बनाकर अपने आंकड़ों में सुधार किया, जिसमें उनका औसत 55.91 रहा।

पाँचवाँ पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… इस दौरान, विराट ने कुछ महत्वपूर्ण कमजोरियों का सामना किया, खासकर ऑफ स्टंप लाइन के बाहर की गेंदों और स्पिनरों के खिलाफ। उन्होंने पिछले वर्ष में केवल 382 रन बनाये, जिसमें उनका औसत 22.47 रहा। उनकी आखिरी टेस्ट उपस्थिति बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ऑस्ट्रेलिया में थी, जहां उन्होंने सिर्फ 190 रन बनाए।

छठा पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… विराट का करियर कई बाधाओं को पार करते हुए भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने के लिए जाना जाता है। चाहे वह 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 692 रन बनाना हो या इंग्लैंड में 2018 में अद्भुत प्रदर्शन करना, विराट ने हमेशा अपने खेल से सबको प्रभावित किया है। उनके द्वारा बनाए गए यादगार पारियों ने क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में एक विशेष स्थान बना लिया है।

सातवाँ पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में ICC विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के लिए भारत को नई दिशा दी। उनके द्वारा की गई मेहनत और समर्पण ने उन्हें एक महान बल्लेबाज और नेता के रूप में स्थापित किया है। उनके खेल की शैली और रणनीति ने युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत का काम किया है।

आठवाँ पैराग्राफ यहाँ हिंदी में… अंत में, विराट का करियर उन यादगार क्षणों से भरा हुआ है जो हमेशा क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में जीवित रहेंगे। उन्होंने न केवल भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा और वे हमेशा एक महान बल्लेबाज के रूप में याद किए जाएंगे।

Leave a Comment