रोहित शर्मा ने कमेंटेटरों को ‘एजेंडा-चालित’ कहा!

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रोहित शर्मा, भारतीय क्रिकेट टीम के ODI कप्तान, क्रिकेट जगत के सबसे प्रिय खिलाड़ियों में से एक हैं। फिर भी, उन्हें आलोचना से बचना नहीं मिला है। पूर्व क्रिकेटरों, पत्रकारों और विशेषज्ञों ने उनके खेल के बारे में कई बार टिप्पणी की है। रोहित ने हाल ही में अपने करियर के अंतिम चरण में एक महत्वपूर्ण बदलाव की ओर इशारा किया है कि कैसे क्रिकेट का व्यवसाय अब ‘मसाला’ से भरा हुआ है और ‘शुद्ध क्रिकेट’ पीछे छूट गया है।

एक साक्षात्कार के दौरान, रोहित ने बताया कि भारत में जो कमेंट्री होती है, वह ऑस्ट्रेलिया की तुलना में बहुत भिन्न होती है और इसे उन्होंने निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय कमेंट्री में जो बातें होती हैं, वे अक्सर खिलाड़ियों को निशाना बनाती हैं, जो कि खेल के लिए हानिकर है। रोहित के अनुसार, इस तरह की कमेंट्री से खेल का आनंद कम होता है।

रोहित ने कहा कि खिलाड़ियों की खराब फॉर्म पर आलोचना करना समझ में आता है, लेकिन कमेंटेटरों को यह समझना चाहिए कि कहां सीमाएँ तय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल प्रेमियों को खेल देखने का अवसर मिलना चाहिए, न कि व्यक्तिगत मुद्दों पर चर्चा सुनने का। दर्शकों को खिलाड़ियों के प्रति सम्मान होना चाहिए और उन्हें खेल के प्रति अपनी सच्ची रुचि रखनी चाहिए।

रोहित ने यह भी महसूस किया कि आजकल की आलोचना में ‘एजेंडा-ड्रिवन’ तत्व बढ़ गया है, जो वास्तविक प्रतिक्रियाओं को पीछे छोड़ देता है। उन्होंने कहा कि कुछ परिस्थितियों में टीम ने खराब प्रदर्शन किया है, जिसके लिए वे आलोचना के हकदार हैं, लेकिन आलोचना करने का एक तरीका होना चाहिए। आजकल की आलोचना में एक दिशा की कमी है, जो एक स्वस्थ खेल भावना के लिए हानिकारक है।

रोहित ने यह स्पष्ट किया कि वे अपने ऊपर की गई आलोचना का सामना करना जानते हैं, लेकिन अनावश्यक आलोचना के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि उनके समय कीमती है और वे अपनी ऊर्जा को बचाना पसंद करते हैं। खेल के मैदान पर प्रदर्शन करना उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण है बजाय इसके कि वे बाहर जाकर अपनी सफाई पेश करें।

रोहित का मानना है कि खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और बाहरी बातों को नजरअंदाज करना चाहिए। उनका कहना है कि असली खेल की पहचान मैदान पर ही होती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सकारात्मक अटैकिंग खेल ही खिलाड़ियों की असली पहचान है।

रोहित ने यह भी बताया कि खेल प्रेमियों को क्रिकेट के बारे में गहन जानकारी रखनी चाहिए और खिलाड़ियों के व्यक्तिगत जीवन में दखल नहीं देना चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि कमेंटेटर इस बात को समझेंगे और खेल की शुद्धता को बनाए रखेंगे।

अंत में, रोहित ने कहा कि सभी खिलाड़ियों को सम्मान दिया जाना चाहिए, खासकर उन खिलाड़ियों को जिन्होंने विश्व कप में भाग लिया है। उनके अनुसार, 23 में से 24 मैच जीतना कोई मजाक नहीं है, चाहे वो कैसे भी हुआ हो। क्रिकेट को एक खेल के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि सिर्फ मसालेदार कहानियों के रूप में।

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