क्या है अश्विनी कुमार का MI में 13वां खिलाड़ी बनने का राज?

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मुंबई इंडियंस ने मंगलवार को कॉर्बिन बॉश के लिए कंसक्शन सब्स्टिट्यूट के रूप में तेज गेंदबाज अश्वनी कुमार को शामिल करने का निर्णय लिया। यह निर्णय उस समय लिया गया जब दक्षिण अफ्रीकी ऑलराउंडर बॉश अंतिम ओवर में हेलमेट पर गेंद लगने के बाद चोटिल हो गए थे। इस मैच में अश्वनी कुमार मुंबई इंडियंस के लिए 13वें खिलाड़ी के रूप में मैदान में उतरे। इससे पहले, करन शर्मा को रोहित शर्मा के लिए इम्पैक्ट सब्स्टिट्यूट के रूप में लाया गया था।

बॉश ने 22 गेंदों में 27 रन बनाए थे, जिसमें एक चौका और दो छक्के शामिल थे। जब उन्होंने प्रसीध कृष्ण की तेज गेंद को स्वाइप करने की कोशिश की, तब उन्हें हेलमेट पर गेंद लगी। इसके बाद, उन्होंने फिजियो से उपचार लिया, लेकिन अगली गेंद पर रन आउट हो गए। यह स्थिति मुंबई इंडियंस के लिए एक बड़ा झटका थी, क्योंकि टीम को एक मजबूत प्रदर्शन की आवश्यकता थी।

गुजरात टाइटन्स के खिलाफ यह महत्वपूर्ण मैच था, जिसमें मुंबई इंडियंस ने चार विकेट 26 रन पर गंवा दिए। विल जैक्स और सूर्यकुमार यादव ने तीसरे विकेट के लिए 71 रनों की साझेदारी की थी, लेकिन इसके बाद टीम ने लगातार विकेट खो दिए। सूर्य के आउट होने के बाद, टीम 17वें ओवर में 123/7 के स्कोर पर पहुंच गई। इस स्थिति ने मुंबई को संकट में डाल दिया।

हालांकि, बॉश ने 20वें ओवर में प्रसीध कृष्ण के खिलाफ लगातार दो छक्के लगाकर टीम को कुछ राहत दी। लेकिन तीसरी गेंद पर उन्हें फिर से हेलमेट पर गेंद लगी, जिससे उन्हें कंसक्शन के लक्षण दिखने लगे। इस स्थिति में, मुंबई इंडियंस ने कंसक्शन प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अश्वनी कुमार को उनकी जगह लाने का फैसला किया।

अश्वनी कुमार के मैदान में उतरने से मुंबई की टीम को उम्मीद थी कि वे खेल का रुख बदल सकते हैं। यह सब्स्टिट्यूशन न केवल टीम के लिए बल्कि दर्शकों के लिए भी एक रोमांचक पल था। क्रिकेट के इस खेल में ऐसे घटनाक्रम अक्सर होते हैं, जहां खिलाड़ियों को चोटों के कारण तुरंत निर्णय लेना पड़ता है।

इस मैच में मुंबई इंडियंस को अपनी बल्लेबाजी को मजबूत करने की आवश्यकता थी। टीम के प्रमुख बल्लेबाजों के आउट होने के बाद, खिलाड़ियों ने एकजुट होकर खेलने का प्रयास किया। अश्वनी कुमार का मैदान में आना एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने टीम के मनोबल को बढ़ाया।

कुल मिलाकर, यह मैच मुंबई इंडियंस के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति में था। अश्वनी कुमार के आने से टीम को एक नई ऊर्जा मिली, लेकिन क्या वे इस दबाव को संभाल पाएंगे, यह देखने वाली बात होगी। क्रिकेट में ऐसे पल अक्सर होते हैं जो खेल की दिशा को बदल देते हैं।

इस तरह के घटनाक्रम क्रिकेट के रोमांच को और बढ़ाते हैं। कंसक्शन सब्स्टिट्यूट के नियमों ने खेल में एक नया आयाम जोड़ा है, जो खिलाड़ियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है। अब सभी की नजरें इस बात पर होंगी कि अश्वनी कुमार अपने प्रदर्शन से टीम के लिए क्या कर सकते हैं।

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